जब हमारे भीतर जीवन के उद्देश्य को लेकर और मृत्यु के बाद के अस्तित्व को लेकर प्रश्न उठते हैं, तो एक आत्मिक चिंगारी जल उठती है। तब हम उस समय तक चैन से नहीं बैठते जब तक सारे जवाब पा न लें। परम पूज्य संत राजिंदर सिंह जी महाराज