जब हम पानी में कंकड़ फेंकते हैं, तो उसकी लहरें दूर तक फैलती चली जाती हैं। इसी प्रकार, क्रोध का प्रभाव उस विचार के आने के काफ़ी समय बाद भी दूर तक फैलता चला जाता है। वो हम तक सालों बाद भी वापस आ सकता है। परम पूज्य संत राजिंदर सिंह जी महाराज
जब हम पानी में कंकड़ फेंकते हैं, तो उसकी लहरें दूर तक फैलती चली जाती हैं। इसी प्रकार, क्रोध का प्रभाव उस विचार के आने के काफ़ी समय बाद भी दूर तक फैलता चला जाता है। वो हम तक सालों बाद भी वापस आ सकता है।