जब हम आध्यात्मिक रूप से तरक़्क़ी करते हैं, तो हम जीवन से अधिक संवेदनशीलता से गुज़रने लगते हैं। फिर हम किसी भी भावनाओं को ठेस नहीं पहुँचाते। हम जिनके भी संपर्क में आते हैं, उनके साथ प्यार व नर्मी से पेश आते हैं। परम पूज्य संत राजिंदर सिंह जी महाराज