जब हम अपने हृदय के अंदरूनी कक्ष में प्रवेश करते हैं, तो हम अपने भीतर प्रकाश के दर्शन करते हैं। यह प्रकाश सृष्टिकर्ता का प्रकाश है। परम पूज्य संत राजिंदर सिंह जी महाराज