जब हम ध्यान-अभ्यास के द्वारा अपने अंतर में काग्र होते हैं, तो हमारी आत्मा शारीरिक चेतनता से ऊपर उठकर उच्चतर आध्यात्मिक मंडलों से गुज़रती हुई वापस प्रभु में जाकर लीन हो जाती है। परम पूज्य संत राजिंदर सिंह जी महाराज
जब हम ध्यान-अभ्यास के द्वारा अपने अंतर में काग्र होते हैं, तो हमारी आत्मा शारीरिक चेतनता से ऊपर उठकर उच्चतर आध्यात्मिक मंडलों से गुज़रती हुई वापस प्रभु में जाकर लीन हो जाती है।